भारतीय संस्कृति, बौद्धिक शिक्षा के समान शारीरिक कौशल को भी महत्व देती है। हमारे प्राचीन "गुरुकुल" ने हमेशा युवाओं के समग्र विकास पर जोर दिया है। भारत, वर्तमान में समाज के युवाओं को इस तरह से आकार देने का लक्ष्य रखता है ताकि उनका समग्र विकास हो सके।
GYSC का उद्देश्य प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तरीकों से समाज मे युवाओं तक शिक्षा, कला, खेल, आध्यात्म और पर्यावरण आदि जैसे क्षेत्रों में उनकी क्षमता की पहचान करने में मदद करना है। GYSC युवाओं को विभिन्न विषयों पर उचित मार्गदर्शन और प्रशिक्षण देने के लिए भी प्रतिबद्ध है। GYSC एक सामाजिक संगठन के रूप में क्रीड़ा क्षेत्र में युवाओं के उज्ज्वल भविष्य की दृष्टि से बनाया गया है।